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Labour Day Celebration

01 May, 2015

सिल्वर बैल्स स्कूल में मनाया गया लेबर डे

आज लेबर डे पर प्रातः प्रार्थना सभा में छात्र छात्राओं ने लघु नाटक के माध्यम से डिगनिटी आॅफ लेबर पर प्रकाश डाला। लेबर डे की इतिहास में महत्ता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने श्रम के महत्तव को बताया। छोटे-छोटे बालकों ने कार्य की महत्ता को बताते हुए समाज के सभी कार्यों को समान समझने एवं समाज के सभी वर्गों को एक सा सम्मान दिए जाने की भावना पर बल दिया।

बालकों ने दर्शाया कि कोई भी कार्य छोटा या बडा नही होता क्योंकि जीवन में हर कार्य आवश्यक है। साथ ही छात्र छात्राओं ने स्वावलम्बी बनने की प्रेरणा दी और अपने सभी कार्यों को स्वंय करने पर बल दिया।

छोटे बच्चों ने विद्यालय के कर्मचारियों को तोहफे देकर उनके प्रति अपनी कृत्यज्ञता को व्यक्त किया। बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई को दूर करने की प्ररेणा देते हुए मिडिल स्कूल के छात्र छात्राओं ने नाटक के माध्यम से इस कुप्रथा के प्रति विरोध को प्रकट किया।

Earth Day Celebration

22April, 2015

सिल्वर बैल्स स्कूल में अर्थ डे मनाया गया

बालकों ने शपथ ली कि हर बच्चा एक पौधा लगाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर 22 अप्रैल की सुबह को प्रार्थना सभा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर बालकों ने पृथ्वी की जैविक विधिता एवं पर्यावरण का संरक्षण करने की शपथ ली। इस अवसर पर सम्भाषण, प्रश्नोत्तरी एवं पौधारोपण आदि के माध्यम से बालकों को पृथ्वी के संरक्षण से जुडी जानकारियाँ दी गई। अपने सम्भाषण में श्रीमती देवयानी मित्रा ने पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधों को रोपित करने की प्ररेणा दी एवं पौधों के महत्तव की जानकरी दी। मिस सुपर्णा शाॅ ने भी अपने सम्भाषण में धरती के मौलिक स्वरूप के सरंक्षण पर बल देते हुए मानव द्वारा अतिक्रमण पर प्रकाश डाला और पर्यावरण संरक्षण की प्ररेणा दी।

उप-प्रधानाचार्या श्रीमती तूलिका गोयल ने पौधारोपण कर सांकेतिक तौर पर सभी छात्र छात्राओं से अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर धरती को हरा भरा रखने का आहवान किया। उन्होने सभा को सम्बोधित करते हुए बालकों को जैविक विविधता एवं उसके संरक्षण की महत्ता को बताया। इस अवसर पर आयोजित प्रशनोत्तरी में सभी छात्र छात्राओं ने बडे ही उत्साह के साथ हिस्सा लिया और धरती से सम्बन्धित जानकारी का प्रदर्शन किया। बच्चों को पाॅलीथिन के इस्तेमाल का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया गया व उन्हें पदार्थों को रीसाइकिल करने की महत्ता को बताया एवं उन्हे धरती के मोहक स्वरूप को बनाए रखने के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी भी दी गई। इस प्रकार विभिन्न कलापों के माघ्यम से आने वाली पीढी को पर्यावरण से जुडे उनके दायित्व के लिए सचेत किया गया।

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